Thursday, 30 January 2025

विधानसभा बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, हंगामा नहीं करने पर सहमति,विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर शांति बनाए रखने का दिया भरोसा


विधानसभा बजट सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, हंगामा नहीं करने पर सहमति,विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर शांति बनाए रखने का दिया भरोसा

राजस्थान विधानसभा के 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं ने सदन में हंगामा नहीं करने पर सहमति जताई। विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन में शांति बनाए रखने का भरोसा दिलाया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि विपक्ष सदन के सुचारू संचालन में सहयोग करेगा और मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी बात रखेगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों को अपनी बात रखने का समान अधिकार है। राज्य सरकार विधायकों की बातों को गंभीरता से लेगी, क्योंकि स्वस्थ आलोचनाओं से कामकाज की गुणवत्ता में सुधार होता है।

स्पीकर की नसीहत: विधायक वैल में नहीं आएं, मर्यादित व्यवहार करें:विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी ने कहा कि सभी विधायकों को सदन में नियमों के अनुसार बोलने का पूरा अवसर मिलेगा। उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान हंगामा न करने और वैल में नहीं आने की नसीहत दी।

महत्वपूर्ण निर्णय:सदन में अफसर गैलरी में संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।पर्ची के जरिए उठाए जाने वाले मुद्दों पर मंत्रियों के जवाब देने की व्यवस्था बहाल की जाएगी।सदन की समितियों की रिपोर्ट पर विस्तृत बहस कराने का सुझाव दिया गया।वन-नेशन-वन एप्लिकेशन के तहत विधायकों की टेबलों पर टैब लगाए गए हैं, जिससे विधानसभा की कार्यवाही अधिक डिजिटल होगी।

नेता प्रतिपक्ष: सदन चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि विपक्ष सदन संचालन में सहयोग करेगा और मर्यादा बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी केवल विपक्ष की नहीं, बल्कि सत्ता पक्ष की भी है।

बैठक के दौरान प्रमुख बिंदु:विधानसभा सत्र के अधिक दिनों तक चलने का प्रयास किया जाएगा।विधायकों को बहस के लिए नियमानुसार समय दिया जाएगा।मुख्य सचेतकों को बोलने वाले विधायकों की सूची तय समय में देनी होगी।

सभी दलों ने सदन में हंगामा नहीं करने और मर्यादा बनाए रखने की सहमति दी। बजट सत्र को अधिक से अधिक दिन चलाने के प्रयास किए जाएंगे। विधानसभा कार्यवाही को डिजिटल बनाने के लिए टैब की सुविधा दी गई है।अधिकारियों की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ने सदन को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी स्वीकार की।

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