राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकारी नीतियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ड्राइवर प्रशिक्षण, सुरक्षित वाहन संचालन और तकनीकी उपायों को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
राज्यपाल बागडे ने सड़क दुर्घटनाओं के दौरान तत्परता से मदद करने वाले नागरिकों को "देवदूत" सम्मान से सम्मानित किया।
कार्यक्रम में टीवी 24 के प्रमुख जगदीश चंद्रा, सामाजिक कार्यकर्ता संपत सारस्वत, सुधांशु माथुर और प्रेस क्लब अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जनता को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना ही दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है।
संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन इनका प्रभावी क्रियान्वयन जरूरी है। सरकार द्वारा "गोल्डन ऑवर योजना", सड़क हादसों में घायल लोगों को तत्काल इलाज देने के लिए "इमरजेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम", और वाहनों के लिए हाईटेक ट्रैकिंग सिस्टम जैसी योजनाएं लागू की जा रही हैं।
राज्यपाल बागडे ने कहा कि सरकार, प्रशासन, समाज और आम जनता को मिलकर सड़क सुरक्षा के लिए कार्य करना होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सड़क पर अनुशासन का पालन करें और दूसरों को भी जागरूक करें।