Wednesday, 08 January 2025

जयपुर में हटेगा बीआरटीएस कॉरिडोर: सीकर और अजमेर रोड से जल्द होगी शुरुआत


जयपुर में हटेगा बीआरटीएस कॉरिडोर: सीकर और अजमेर रोड से जल्द होगी शुरुआत

जयपुर: जयपुर में लंबे समय से विवादित और असुविधाजनक साबित हो चुके बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) की कार्यकारी समिति की बैठक में इस पर सहमति बन गई है। प्रारंभिक चरण में सीकर रोड और अजमेर रोड स्थित बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने की योजना बनाई गई है।

कॉरिडोर हटाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा: जेडीए जल्द ही बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेगा। राज्य सरकार की सहमति के बाद हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

अजमेर और सीकर रोड पर अंडरपास के निर्माण से होगा असर: अजमेर रोड:200 फीट चौराहे पर ट्रैफिक दबाव कम करने के लिए एनएचएआई द्वारा अंडरपास निर्माण की योजना है। इससे बीआरटीएस कॉरिडोर 1 किलोमीटर के क्षेत्र में समाप्त हो जाएगा।

सीकर रोड:एनएचएआई की योजना के तहत सीकर रोड पर भी अंडरपास बनाया जाएगा। इससे बीआरटीएस कॉरिडोर 1.2 किलोमीटर की लंबाई में खत्म हो जाएगा।

पहले ही कई हिस्सों में हट चुका है कॉरिडोर:झोटवाड़ा एलिवेटेड रोड और पानी पेच से राव शेखा सर्किल तक का BRTS कॉरिडोर पहले ही समाप्त हो चुका है।

इतिहास और विरोध का दौर: कांग्रेस सरकार का फैसला:पूर्व परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने इसे "मौत का कुआं" बताते हुए हटाने का सुझाव दिया था, लेकिन तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इसे खारिज कर दिया था।

केंद्र की भूमिका:केंद्र सरकार ने 169 करोड़ रुपये की जेएनएनयूआरएम स्कीम के तहत फंडिंग की थी। इसे हटाने के लिए केंद्र से अनुमति आवश्यक थी, जिसे लेकर पेंच फंसा रहा।

2007 में प्रस्ताव:जयपुर में परिवहन प्रणाली सुधारने के उद्देश्य से 46 किलोमीटर लंबी बीआरटीएस प्रणाली का प्रस्ताव पारित हुआ था। इसके लिए 50% फंडिंग केंद्र, 20% राज्य और 30% जेडीए ने दी थी।

बीआरटीएस की असफलता के कारण: बीआरटीएस कॉरिडोर जयपुर में सफल नहीं हो पाया, क्योंकि:उचित योजना और ट्रैफिक प्रबंधन की कमी।बढ़ते ट्रैफिक दबाव और अंडरपास निर्माण की जरूरत।उपयोगकर्ताओं के लिए असुविधाजनक साबित हुआ।


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