Wednesday, 08 January 2025

पाला पड़ने से फसलों में नुकसान की संभावना, किसान अपनाएं सुरक्षा के उपाय


पाला पड़ने से फसलों में नुकसान की संभावना, किसान अपनाएं सुरक्षा के उपाय

जयपुर: शीतलहर और पाले के चलते रबी की फसलों को नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में मौजूद पानी जम जाता है, जिससे कोशिका भित्ति फटने के कारण पौधों की पत्तियां, कोंपलें, फूल और फल क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि रबी की फसलों में फूल और बालियां बनने के समय पाला पड़ने पर फसलों को सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना रहती है। इस स्थिति में किसानों को सतर्क रहकर फसलों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।

फसलों को पाले से बचाने के उपाय: गंधक के घोल का छिड़काव:1 लीटर सान्द्र गंधक का तेजाब 1000 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।वैकल्पिक रूप से, घुलनशील गंधक का 0.2% घोल बनाकर छिड़काव करें।

सिंचाई:पाले के दौरान फसलों में सिंचाई करें, जिससे फसलों पर पाले का असर कम हो सके।

फसलों को ढंकना:नकदी सब्जियों वाली फसलों को टाट, पॉलिथीन, भूसे या अन्य सामग्री से ढंकें ताकि मिट्टी का तापमान कम न हो।

ऊंचे वृक्ष लगाना:पाले के स्थायी समाधान के लिए खेत की उत्तर-पश्चिम दिशा में मेड़ों पर ऊंचे और घने वृक्ष लगाएं।

पाला पड़ने की संभावना कैसे बढ़ती है?जब आसमान साफ हो, हवा न चले और तापमान काफी कम हो।दिन के समय ठंडी हवा चलने के बाद, अचानक दोपहर बाद हवा रुक जाए।ऐसे मौसम में पाला पड़ने की संभावना अधिक होती है।

कृषकों के लिए सलाह: किसानों को शीतलहर और पाले के समय नियमित रूप से मौसम की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए उपरोक्त उपायों को अपनाना चाहिए।

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