धौलपुर जिले में सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ मारपीट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मलिंगा की जमानत रद्द करने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद मलिंगा को अब न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करना अनिवार्य हो गया है।
मार्च 2022 में हुई इस घटना में आरोप है कि तत्कालीन कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सहायक अभियंता हर्षाधिपति पर हमला किया था, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मलिंगा को इस मामले में जमानत मिली थी, लेकिन अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जमानत के बाद उन्होंने गवाहों को धमकाने और न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की कोशिश की। इन आरोपों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद, मलिंगा को आत्मसमर्पण करना होगा। यह मामला राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन गया है, क्योंकि इसमें एक पूर्व विधायक पर गंभीर आरोप हैं और न्यायालय ने कानून की सर्वोच्चता सुनिश्चित करने के लिए कठोर रुख अपनाया है।