उदयपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास का शुक्रवार शाम उदयपुर के अशोक नगर स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। उनके भतीजे विवेक शर्मा ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार वैदिक विधियों के साथ सम्पन्न हुआ, जिसमें 104 वेद मंत्रों का उच्चारण किया गया।
शव यात्रा में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई वरिष्ठ कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने भाग लिया। अशोक गहलोत ने गिरिजा व्यास की अर्थी को कंधा भी दिया, जो उनके प्रति गहरी संवेदनाओं का प्रतीक रहा।
डॉ. गिरिजा व्यास का निधन 1 मई को शाम 7:15 बजे अहमदाबाद स्थित जायडस हॉस्पिटल में हुआ था। वे 90 प्रतिशत झुलस गई थीं। दरअसल, 31 मार्च को गणगौर पूजन के दौरान दीपक से उनकी चुन्नी में आग लग गई थी। घर के एक कर्मचारी ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन वे गंभीर रूप से झुलस गईं। पहले उन्हें उदयपुर के निजी अस्पताल ले जाया गया, फिर उनकी हालत को देखते हुए अहमदाबाद रेफर किया गया था।
उनके परिजनों के अनुसार, कुछ दिन उनकी स्थिति में सुधार दिखा था लेकिन बाद में हालत फिर से बिगड़ने लगी और अंततः गुरुवार को उनका निधन हो गया। शुक्रवार सुबह उनकी पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए उनके देत्यमगरी आवास पर रखा गया, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
डॉ. गिरिजा व्यास देश की राजनीति में एक प्रतिष्ठित और प्रभावशाली चेहरा रही हैं। वे महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दे चुकी थीं।