पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कार्यकर्ताओं को संगठन की जड़ों और संस्कारों की याद दिलाते हुए सादगी और समर्पण की सीख दी है। उन्होंने कहा कि आज पार्टी जिस मुकाम पर है, वह अनेक समर्पित कार्यकर्ताओं की तपस्या का परिणाम है। उन्होंने स्पष्ट कहा—“आज हम मजे कर रहे हैं, इसके पीछे भंडारी जैसे सैकड़ों लोग खप गए हैं। हमें हेकड़ी नहीं करनी चाहिए।”
कटारिया उदयपुर में जनसंघ के संस्थापक सदस्य सुंदर सिंह भंडारी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भंडारी जी से जुड़ा एक रोचक किस्सा साझा करते हुए बताया कि वे समय और अनुशासन के प्रति इतने कठोर थे कि एक बार जब किसी कार्यक्रम की शुरुआत हो गई, तो उन्होंने हॉल के दरवाजे बंद करवा दिए। यहां तक कि जब उस समय के मुख्यमंत्री कार्यक्रम में देर से पहुंचे, तब भी उन्होंने दरवाजा नहीं खुलवाया।
गुलाबचंद कटारिया ने यह संदेश देते हुए कहा कि भाजपा के कार्यकर्ताओं को सत्ता के गर्व की बजाय उन मूल्यों को अपनाना चाहिए, जिन पर संगठन खड़ा हुआ है—जैसे समय की पाबंदी, समर्पण, सादगी और अनुशासन। उन्होंने कहा कि संगठन को मज़बूत करने वाले कार्यकर्ताओं का सम्मान करना और उनके मार्गदर्शन से सीखना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।