भाजपा की भजनलाल सरकारने अब पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान जोधपुर नगर निगम और जोधपुर विकास प्राधिकरण से "प्रशासन शहरों के संग" अभियान के तहत जारी हुए फर्जी पट्टों की जांच का निर्णय लिया है।
स्वायत्त शासन राज्यमंत्री झाबर सिंह खर्रा ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे फर्जी पट्टों की सूची तैयार कर राज्य सरकार को सौंपें। इनमें अब तक सामने आए मामलों के साथ ही पेंडिंग पट्टों की भी जांच की जाएगी। अगर इनमें भी फर्जीवाड़ा पाया जाता है, तो उसकी जानकारी भी देनी होगी।
स्वायत्त शासन राज्यमंत्री खर्रा ने यह बात जोधपुर में अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान कही। उन्होंने निगमों और जेडीए के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें विधायकों और निगम आयुक्तों ने सुझाव दिया कि फर्जी पट्टों की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया जाए। इस पर मंत्री ने फर्जी पट्टों की सूची राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए और साथ ही यह भी कहा कि इनकी जांच एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) या एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) से करवाई जाएगी।
स्वायत्त शासन राज्यमंत्री खर्रा का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब फर्जी पट्टों के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जोधपुर में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत जारी हुए पट्टों की वैधता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सरकार अब इस पर सख्त कार्रवाई के मूड में है और जल्द ही फर्जी पट्टों के दोषियों पर शिकंजा कसने की तैयारी है।
मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे उन पट्टों की सूची में लंबित मामलों को भी शामिल करें, जिनकी जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे मामलों में भी फर्जीवाड़े की संभावना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।