Thursday, 19 September 2024

केंद्र ने जल जीवन मिशन मार्च 2025 तक पूरा करने के लिए राजस्थान को दिया समय, छह महीनों में 50 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन देने की तैयारी


केंद्र ने जल जीवन मिशन मार्च 2025 तक पूरा करने के लिए राजस्थान को दिया समय, छह महीनों में 50 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन देने की तैयारी

राजस्थान में जल जीवन मिशन (जेजेएम) को मार्च 2025 तक पूरा करने का अवसर मिला है, जिसके लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने सहमति दी है। इस मिशन का उद्देश्य राज्य के हर ग्रामीण घर में नल से जल उपलब्ध कराना है। हालांकि, यह कार्य पूर्व निर्धारित बजट में ही पूरा करना होगा और अभी तक केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जेजेएम एक्सटेंशन का आदेश जारी नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक आदेश और बजट मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट में तेजी आएगी।

वर्तमान में जेजेएम का 53.11 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है, जबकि इसकी पहली डेटलाइन 31 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी है। जलदाय विभाग को अब अगले छह महीनों में 50 लाख से ज्यादा घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने होंगे। राज्य के 1.07 करोड़ ग्रामीण घरों में से अब तक 56 लाख 91 हजार 498 घरों में जल कनेक्शन हो चुका है।

राजस्थान में जेजेएम के कार्यों में भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों के कारण यह प्रोजेक्ट समय पर गति नहीं पकड़ सका है। जलदाय विभाग की मॉनिटरिंग में लापरवाही के कारण प्रदेश इस मिशन में देशभर में 32वें स्थान पर है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।

काम में देरी के मुख्य कारणों में अधिकारियों के ईडी, सीबीआई और एसीबी की जांच के डर से काम की धीमी गति, बजट आवंटन में भेदभाव के कारण ठेकेदारों को भुगतान की समस्याएं, पेंडिंग क्वालिटी कंट्रोल रिपोर्ट, और ठेकेदारों द्वारा काम छोड़ना या सबलेट करना शामिल हैं।

जल जीवन मिशन के तहत घटिया क्वालिटी की पाइपलाइन, टंकियां और पंप हाउसों से संबंधित हजारों शिकायतें पेंडिंग हैं। इन शिकायतों की जांच और क्वालिटी कंट्रोल रिपोर्टें भी अधूरी हैं। फील्ड में वास्तविक काम न होने के बावजूद कई मामलों में ठेकेदारों को भुगतान किया गया है। कई बार जांच में ठेकेदारों और इंजीनियरों का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, लेकिन बाद में मामलों को दबा दिया गया।

नई सरकार ने इस स्थिति में सुधार के लिए जलदाय विभाग के नए प्रमुख सचिव भास्कर ए. सावंत को तेजी से काम करने की जिम्मेदारी दी है। साथ ही, जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी भी लगातार प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके बावजूद, काम की धीमी गति और पेंडिंग शिकायतों के समाधान की चुनौतियां इस मिशन के सामने बड़ी बाधा बनी हुई हैं।

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