कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग (डीओआईटी) में 3500 करोड़ रुपये के घोटाले की शिकायत गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम से की है। इस मुद्दे पर डॉ. मीणा ने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के दौरान इस घोटाले की जांच की अनुमति नहीं दी गई थी, जबकि अब उन्होंने वर्तमान भाजपा सरकार के तहत एफआईआर दर्ज करने और घोटाले की जांच की मांग की है।
डॉ. मीणा का कहना है कि प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट फॉर सोशल मीडिया डेवलपमेंट एक्टिविटी के तहत बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां हुईं, जहां अधिकारियों ने अत्यधिक टीए-डीए के नाम पर भारी रकम का भुगतान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि डीओआईटी के कई अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों पर वर्क ऑर्डर जारी किए और ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को टेंडर दिए।
मीणा ने इन आरोपों के संबंध में अधिकारियों जैसे दीपशिखा सक्सेना, कुलदीप यादव, कौशल गुप्ता, आशुतोष देशपांडे, और आरसी शर्मा के खिलाफ जांच की मांग की है। गृह राज्य मंत्री बेढम ने डीजीपी से इस मामले की जांच का आदेश दिया है।
यह मामला गहलोत सरकार के दौरान एसीबी द्वारा जांच के लिए तैयार था, लेकिन उस समय जांच की अनुमति नहीं दी गई थी। अब भाजपा सरकार इस मामले की तह तक जाने की योजना बना रही है।