Thursday, 19 September 2024

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बयान से राजनीतिक हलचल हुई तेज, हेरिटेज नगर निगम में कार्यवाहक मेयर की घोषणाऔर निलंबन करवाई बुधवार को संभव


यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बयान से राजनीतिक हलचल हुई तेज, हेरिटेज नगर निगम में कार्यवाहक मेयर की घोषणाऔर निलंबन करवाई बुधवार को संभव

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के बयान के बाद जयपुर  हेरिटेज  नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ सियासी घटनाक्रम में तेजी आई है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अनुसार सरकार ने  जयपुर  हेरिटेज  नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ सभी सबूत इकट्ठा कर लिए हैं और अब उनके निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कार्यवाहक मेयर की नियुक्ति की जाएगी।

यह घटनाक्रम तब शुरू हुआ जब मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी की गई, जिससे जयपुर की राजनीति में हलचल मच गई। भाजपा पार्षद नए मेयर की संभावना को लेकर सक्रिय हो गए हैं, वहीं कांग्रेसी पार्षद भी मेयर के निलंबन की मांग कर रहे हैं और लगातार यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से संपर्क बनाए हुए हैं। मंगलवार को भी भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मुलाकात की, जहां मंत्री ने आश्वासन दिया कि मेयर गुर्जर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भाजपा पार्षद कुसुम यादव जो मेयर पद की दावेदार मानी जा रही हैं, ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम के वर्तमान मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया। यादव ने कहा कि इसी नीति के तहत मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी गई है, जो सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत है।

मेयर पद के लिए अपनी दावेदारी पर कुसुम यादव ने स्पष्ट किया कि इस मामले में पार्टी और संगठन का जो भी निर्णय होगा, वह सभी के लिए स्वीकार्य होगा। उनके इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि वे पार्टी के निर्णय का सम्मान करती हैं और व्यक्तिगत रूप से किसी पद की मांग नहीं कर रही हैं, बल्कि संगठन के निर्देशों के अनुसार काम करेंगी।

हाईकोर्ट ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति से जुड़े मामले में दो सप्ताह का समय दिया है, जिसमें उनके खिलाफ चालान पेश किया जाएगा। कोर्ट में सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी, जब अभियोजन की मंजूरी को लेकर रिकॉर्ड पर आधारित विचार किया जाएगा। यह निर्देश जस्टिस एनएस ढड्डा ने सुधांशु सिंह ढिल्लन की याचिका पर सोमवार को दिया था।

मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की गिरफ्तारी है, जो पट्टे जारी करवाने के बदले 41 लाख रुपए की रिश्वत के मामले में हुई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने दो दलालों के माध्यम से यह रिश्वत मांगी थी। सुशील गुर्जर के साथ ही दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था। एसीबी ने छापेमारी के दौरान मेयर के घर से पट्टों की फाइलें और 41 लाख रुपए की नकदी भी बरामद की थी। इसके अलावा, नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए बरामद हुए थे। तब से एसीबी इस मामले की जांच कर रही है, जो अब न्यायिक प्रक्रिया के अधीन है।

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