Friday, 20 September 2024

निर्वाचन विभाग मतदान केंद्रों के गठन में आईटी का उपयोग करेगा


निर्वाचन विभाग मतदान केंद्रों के गठन में आईटी का उपयोग करेगा

प्रदेश में मतदाता सूचियों को संशोधित करने और मतदान केंद्रों के पुनर्गठन की प्रक्रिया चल  रही है। लोकतान्त्रिक सरकारों के चुनने की प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने के क्रम में बड़ी संख्या में नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए निर्वाचन विभाग ने इन प्रक्रियाओं में विभिन्न सूचना तकनीक (आईटी) टूल्स का उपयोग करना प्रारंभ कर दिया है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने शुक्रवार को जयपुर में आयोजित सेमीनार 'राजस्थान बिजनेस समिट: ​​डिकोडिंग अपरच्यूनिटीज फॉर नेक्स्ट डेकेड' में यह बात कही। महाजन ने सेमीनार के 'ई गवर्नन्स: सर्विस डिलीवरी टू द लास्ट माइल' सत्र के दौरान कहा कि मतदाताओं के नाम सूचियों में शामिल करने से लेकर मतदान और मतगणना तक की पूरी प्रक्रिया में सूचना तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाता है। आगामी समय में मतदान केंद्रों के पुनर्गठन और उनके क्षेत्र निर्धारण के कार्य में गूगल मैप या गूगल अर्थ सहित जैसे आईटी टूल्स का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में हाईराइज़ और आवासीय कॉलोनियों तथा कच्ची बस्तियों में विशेष रूप से नए मतदान केंद्रों का गठन किया जाना है, इस प्रक्रिया में आईटी टूल कारगर सिद्ध होंगे।  

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने कहा कि मतदाता सूचियों में नाम शामिल करने या संशोधन के स्तर पर ही आईटी का उपयोग शुरू हो जाता है। निर्वाचन आयोग इसके लिए वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए), विभिन्न स्तर पर नाम जुड़ने की स्थिति जानने के लिए वोटर सर्विस पोर्टल सहित अन्य पोर्टल के जरिए अंतिम प्रकाशित सूचियों तक सभी की पहुंच सुलभ करवाता है। चुनाव के दौरान भी आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित करने में आम नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सी-विजिल एप और मतदान के दौरान लाइव वेबकास्टिंग आदि टूल्स का उपयोग होता है। वोटर टर्न आउट तथा मतगणना के दौरान भी आईटी एप का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता और भागीदारी बढ़ती है।  

महाजन ने कहा कि कम मतदान प्रतिशत वाले क्षेत्रों की पहचान कर इसके कारणों को समझने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भी डेटा विश्लेषण से जुड़े आईटी टूल कारगर होते हैं। सूचना तकनीक के इस्तेमाल से शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे नए मतदाताओं को बड़ी संख्या में इलेक्टोरल लिटेरसी क्लब की गतिविधियों से जोड़कर लोकतंत्र में उनकी भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है। 

सेमिनार में राज्य सरकार के आयोजना सचिव नवीन जैन ने भी आईटी के उपयोग से प्रशासनिक व्यवस्था में नवाचारों पर विस्तार से चर्चा की।

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