Thursday, 19 September 2024

राजस्थान-हरियाणा के सीमावर्ती इलाके सारेकलां गांव में हीअलकायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हथियारों के साथ ले रहे थे ट्रेनिंग,कई खुलासे होने की संभावना


राजस्थान-हरियाणा के सीमावर्ती इलाके सारेकलां गांव में हीअलकायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हथियारों के साथ ले रहे थे ट्रेनिंग,कई खुलासे होने की संभावना

भिवाड़ी से आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़े 6 संदिग्धों को हथियारों के साथ दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और भिवाड़ी पुलिस की संयुक्त टीम ने संदिग्ध आतंकियों को चौपान की थाना क्षेत्र के सारेकलां गांव के जंगलों से 22 अगस्त गुरुवार को गिरफ्तार किया। पकड़े गए संदिग्ध भिवाड़ी जिले में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रहे थे। 

आतंकी संगठन कायदा के मॉड्‌यूल से जुड़ाव एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल होने की वजह से जुलाई 2021 में एटीएस ने तिजारा के बैंगनहेड़ी निवासी असरुद्दीन को गिरफ्तार किया था। उसके द्वारा एक धर्म के प्रति नफरत और दूसरे से जुड़ने संबंधी सामग्री का प्रचार प्रसार किया जाता था। चह पाकिस्तान में लगातार बातचीत करता था। एटीएस ने एक बार उसे हिदायत देकर छोड़ दिया था, लेकिन कुछ समय बाद उसने दोबारा संदिग्ध गतिविधि करना शुरू कर दिया।

सारेकलां गांव का स्थान दुर्गम जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ है, जिससे बाहरी लोगों और सुरक्षा बलों का मूवमेंट यहां बहुत कम होता है। यह आतंकियों के लिए सुरक्षित स्थान हो सकता है जहां वे बिना किसी हस्तक्षेप के अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।

राजस्थान और हरियाणा की सीमा पर स्थित है, जो आतंकियों को किसी भी आपात स्थिति में जल्दी से सीमा पार करके भाग निकलने की सुविधा प्रदान करता है। यह सीमा का फायदा उठाकर अपराधियों और आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन सकता है।

आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर इस क्षेत्र में बिना स्थानीय लोगों के सहयोग के चलाना मुश्किल होता। स्थानीय लोगों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग आतंकियों को अपने नेटवर्क को विस्तारित करने और सुरक्षित रूप से संचालन करने में मदद करता है।

सारेकलां गांव और आस-पास के क्षेत्रों में पहले से ही अवैध गतिविधियां, जैसे कि बाइक चोरी और गोकशी के मामले होते रहे हैं। ऐसे में यह क्षेत्र अपराधियों के लिए एक जाना-पहचाना ठिकाना बन सकता है, जहां से वे आसानी से छिप सकते हैं और अपनी गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं।

यह सब कारण मिलकर इस क्षेत्र को आतंकियों के लिए उपयुक्त बनाते हैं, और इसलिए अलकायदा ने इस इलाके को अपने ट्रेनिंग सेंटर के लिए चुना। पुलिस और सुरक्षा बलों की त्वरित और गोपनीय कार्रवाई से इन आतंकियों को गिरफ्तार करना संभव हुआ, जो कि इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।

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