जब व्यक्ति खाली पेट कठिन परिश्रम करता है तो न केवल उसके पेट की मांसपेशियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है बल्कि उसे नाभि में मरोड़ जैसा भी महसूस हो सकता है। इस समस्या को आमतौर पर नाभि खिसकना (Naval Dislocation) कहते हैं। इस समस्या के दौरान व्यक्ति की नाभि या तो ऊपर के स्थान पर चली जाती है या फिर नीचे आ जाती है। आज का हमारा लेख नाभि के खिसकने पर ही है। आप बार-बार मल त्याग की समस्या से परेशान हैं, हालांकि पेट दर्द, रक्तस्राव, या परीक्षणों में कोई असामान्यता नहीं है। इसके संभावित कारण और समाधान निम्नलिखित हो सकते हैं:
संभावित कारण:
आहार संबंधी कारक: मसालेदार, तली-भुनी या अत्यधिक फाइबर युक्त भोजन का सेवन पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है, जिससे बार-बार मल त्याग की आवश्यकता हो सकती है।
तनाव और चिंता: मानसिक तनाव या चिंता पाचन तंत्र पर प्रभाव डाल सकती है, जिससे दस्त या बार-बार मल त्याग की समस्या हो सकती है।
आंतों की संवेदनशीलता: इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) जैसी स्थितियों में आंतें अधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे बार-बार मल त्याग की आवश्यकता होती है।
संक्रमण: बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण भी दस्त का कारण बन सकते हैं, हालांकि आपके मामले में अन्य लक्षणों की अनुपस्थिति इसे कम संभावित बनाती है।
समाधान:
आहार में सुधार: मसालेदार, तली-भुनी और अत्यधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों से परहेज करें। हल्का, सुपाच्य और संतुलित आहार लें।
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान या अन्य विश्राम तकनीकों के माध्यम से तनाव को कम करने का प्रयास करें।
प्रोबायोटिक्स का सेवन: दही, छाछ या प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स का सेवन आंतों के स्वास्थ्य में सुधार कर सकता है।
पर्याप्त जल सेवन: दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करे।
नाभि संतुलन: नाभि खिसकने की समस्या के लिए किसी अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें। नाभि खिसकने के लक्षणों में पेट दर्द, दस्त, कब्ज, मतली आदि शामिल हो सकते हैं।
कुछ घरेलू उपायों से नाभि की समस्या को दूर किया जा सकता है-
1 - मालिश से भी समस्या को दूर किया जा सकता है। आम तौर पर बड़े बुजुर्गों को यह समझ से ज्यादा देखने को मिलती है ऐसे में उनके लिए मालिश एक बेहतरीन तरीका है। व्यक्ति मालिश के लिए किसी भी तेल जैसे नारियल का तेल या सरसों के तेल का प्रयोग कर सकता है। बता दे की मालिश के दौरान पैरों के एक्युप्रेशर प्वाइंट्स को दबाया जाता है जिससे नाभि का इलाज किया जा सकता है।
2 - यदि किसी की नाभि खिसक जाए दो इसका तुरंत इलाज है सीढ़ियों से कूदना। ऐसे में व्यक्ति पैरों के पंजों के बल कूदना शुरू करे। ध्यान रहे कि ऐसे में व्यक्ति को तलवे के बल नहीं कूदना है। ऐसा करने से नाभि की समस्या को दूर किया जा सकता है। हालांकि लगातार कूदने से भी बचें।
3 - मोमबत्ती की मदद से भी नाभि खिसकने की समस्या को दूर किया जा सकता है। ऐसे में आप सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और उसके बाद अपनी नाभि पर जलता हुआ दिया या फिर एक मोमबत्ती रखें और उसके बाद उसे गिलास से ढक दें ऐसा करने से कांच के गिलास में वैक्यूम जैसा प्रेशर बनने लगेगा, जिससे नाभि धीरे-धीरे अपने स्थान पर आ सकती है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि नाभि खिसकने की समस्या काफी कष्टदायक और दर्दनाक हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को जब भी समस्या का सामना करना पड़े तो कुछ घरेलू उपाय को अपना सकते हैं। इससे अलग यदि घरेलू उपाय को अपनाने के बाद भी समस्या दूर नहीं हो रही है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।यदि उपरोक्त उपायों से राहत नहीं मिलती है, तो एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से परामर्श करें। वे आवश्यकतानुसार परीक्षण, जैसे एंडोस्कोपी या पेट का अल्ट्रासाउंड, की सलाह दे सकते हैं ताकि समस्या का सटीक कारण पता चल सके।
डॉ. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ राजस्थान विधान सभा जयपुर । M NO: 98280 11871